Saturday, December 24, 2011

सत्ता में शुचिता के राम है अटल...!!!


                                                                                                        

 सुशासन की मिसाल ,
 राष्ट्रवाद का प्रतीक !
 विचार का प्रयाग ,
 लोकप्रियता का चरम है अटल !! 1 !!

                                                                   चरैवेति के ध्येय पथिक ,
                                                      कमल के पर्याय !
                                                      संपन्न भारत का चित्र ,
                                                      कवि और कलमकार है अटल !! 2 !!

शांति का सन्देश , 
राष्ट्र शत्रुओं के काल !
महाशक्ति भारत का संघोष , 
स्वाभिमानी राष्ट्र का चित्र है अटल !! 3 !!

                                                    आपातकाल के भक्षक ,
                                                    लोकतंत्र के रक्षक !
                                                    जन जन के नायक, 
                                                    जनतंत्र का यशस्वी कालखंड है अटल !! 4 !!
       
 ध्रुव सी द्रढ़ता,
 कृष्ण सी चपलता !
 सूर्य से  तेज युक्त , 
 सत्ता में शुचिता के राम है अटल... !! 5 !!
                


  {{ देश के पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस }}
           {{ २५ दिसम्बर  के उपलक्ष्य में सादर  - हितेश शुक्ला }}
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                              
                                                           

Tuesday, November 29, 2011

अन्ना यह संघर्ष निर्णायक हो...!!!


अब आश्वासन नहीं परिणाम  चाहिए...

                                                                             " अन्ना ने फिर से संघर्ष का मैदान सम्हाल लिया है ! ११ दिसंबर को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण धरना और 27  दिसंबर से फिर अनशन की तैयारी में है !अन्ना  आपको देश के जन ने अपना नेतृत्व सोपा है ! कांग्रेस नीत UPA सरकार के कुटिल इरादे नेक नहीं लगते ये किसी भी हद तक जा सकते है ! यह लड़ाई अब सिर्फ आश्वासनों पर समाप्त न हो!पूरा देश मन वचन कर्म से आपके साथ है !आप संघोष  कीजिये देश का युवा फिर तिरंगा हाथ में थामे भारत माता की जय और वन्देमातरम के उदघोष के साथ प्राण - प्रण से आपके साथ अपना  "युव धर्म" निभाता  नजर आएगा ! लेकिन याद रहे अन्ना यह संघर्ष निर्णायक हो ! अब आश्वासन नहीं परिणाम  चाहिए !अन्ना आप से देश को अपेक्षाएं है,आप पर आपकी नेक नियति पर पूरा भरोसा है!लेकिन अब अगर देश का भरोसा टुटा  अन्ना तो  यह जन बिखर जायेगा जिसे  फिर शायद  कोई गाँधी या नहीं जोड़ पायेगा ???" 


             देश में युपीए सरकार वर्ष 2011 में भारत की हि नही विश्व की सर्वाधिक घोटाले बाजों की सरकार होने का कीर्तिमान रच ही रही थी ! तभी  देश को पता चला की हमारे देश की सारी गरीबी मिटा दी जाये इतने रुपये चोरी छुपे देश के बार अन्य देशों की बैंकों में जमा  है ! सत्ता के षड्यंत्रों से अनजान योग गुरु ने देश की सरकार पर विदेशी बेंको में जमा देश धन  देश में वापस लाया जाये ! उसे राष्ट्रीय सम्पत्ती घोषित किया जाये !इसके लिए आंदोलन छेड़ दिया !पोल खुल जाने से और धन खोने के डर से उनके आन्दोलन को दबा दिया इतना ही नहीं  उन्हें बे आबरू कर दिया गया ! उन्हें बातो और आश्वासनों के भ्रम में उलझा लिया सच्चाई पता चलता  तब तक देर हो चुकी थी ! रामदेव सत्ता के षड़यंत्र में पूरीतरह उलझ गये !देश के सामने उनकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को तार तार कर दिया गया ! उन्हें क़ानूनी  पेचीदगियों  में उलझा दिया गया! उन्हें अब योग गुरु कि जगह ठग कहे जाने लगे ! कांग्रेस ने ओछेपन की सारी हदे तोड़ दी द्वेष पूर्ण  क़ानूनी नाके बंदी शुरू कर दी !कई जांचों में उलझाकर उनके आन्दोलन को बिखेर दिया ! 
देश में भ्रष्टाचार के कारण खूब हंगामा बरपता रहा ! एक के बाद एक घोटालो के प्रमाणित आरोपों को कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने कान में रुई लगाकर अनदेखा कर दिया ! और तो और बजाय भ्रष्ट चारियों पर कार्यवाही करने के बेशर्मी से कांग्रेसी बयान वीरों ने  उन्हें क्लीन चीट तक दे डाली ! कांग्रेसी मान मर्यादा तो दूर न्यायालय से भी ऊपर हो गये! लेकिन अन्ना की हूकार ने बहरी होकर बैठी सरकार को हरकत में आने पर मजबूर कर दिया ! रामदेव के आन्दोलन को निरंकुशता से  अनशन समाप्त करवा  चुकी सरकार ने अन्ना को भी गिरफ्तार कर तानाशाही लोकतंत्र की तस्वीर दिखा दी !लेकिन जन के मन में दबी आग में  अन्ना की गिरफ़्तारी ने घी का काम किया !अब देश की जनता  जिसे कांग्रेसी सुप्त लोकतंत्र की भीड़ मानती रही वह इस निरंकुशता के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गयी! क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान हर कोई इस सत्ता को जन की ताकत का अहसास करवाने सड़क पर आगया !एसा लगा आज़ादी की तीसरी लड़ाई आरम्भ हो गयी ! मैंने जाग्रत देश को अपनी आँखों से देखा !अब वह आग दिल्ली से निकल कर गाँव गाँव तक पहुँच गयी !तिरंगा , वन्दे मातरम ,भारत माता का जयकारा ,अन्ना और सफ़ेद टोपी  भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रांति के प्रतीक बन गये ! सरकार के सारे दांव उलटे पड़ गये ! सत्ता के मद में चूर कांग्रेस के कूटनीतिज्ञों का नशा जनता ने उतार दिया ! देश की जनता ने संकेत दे दिया !अब मनमर्जी नहीं चलेगी !सत्ता का दंभ जन के आगे नत मस्तक हुआ ! विशेष सत्र बुलाकर जन लोकपाल पर चर्चा की सहमती दे दी ! भाजपा ने कहा जन लोकपाल  पर हम देश के साथ है !फिर क्या था !संसद का विशेष सत्र बुलाया गया ! चर्चा हुई ! नेता प्रतिपक्ष  श्री मति सुषमा स्वराज ने लोकसभा में और श्री अरुण जेटली ने राज्य सभा में एतिहासिक भूमिका का निर्वहन जन लोकपाल बनाने के मार्ग में किया ! सकारात्मक विपक्ष का यह अद्वितीय उदाहरण भी  संसदीय  इतिहास में पेश किया !लेकिन एक बार फिर केंद्र सरकार ने धोखेबाजी की जनलोकपाल लागु करवाने  का नाटक  सरकार ने संसद में खूब किया अन्ना ,देश और विपक्षी दलों को भी अपने अभिनय से भ्रमित करने में सफल रही !
सशक्त लोकपाल के गठन की बारी आई तो सरकार ने अपना गिरगिट की तरह  रंग बदलना शुरू कर दिया ! इतना ही नहीं  अन्ना पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़े जाने लगे ! अन्ना के NGO पर  जाँच बैठाई गयी ! अरविन्द केजरीवाल पर रिकवरी निकल दी गयी ! किरण बेदी  को भी क़ानूनी शिकंजे में फाँसने की तैयारी की गयी ! यही नहीं भेदिये की भूमिका में बहरूपिये अग्निवेश का बखूबी इस्तेमाल किया ! अन्ना टीम को तोड़ने और बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी !
लेकिन अन्ना चुप रहे सरकार अपने करतब दिखाती रही !मोंन व्रत ले लिया फिर कहा में अगले आन्दोलन और देश  में घुमने को तैयार हूँ ! शीत कालीन सत्र शुरू हो गया ! जन लोकपाल  ले नाम पर देश को फिर सरकार ठेंगा दिखा रही है ! अन्ना की हुँकार के खौफ में सरकार लोकपाल पर बिल तो ला रही है लेकिन मनमोहन सिंह  की तरह कमजोर,बेबस , सरकार के हाथों की कठपुतली बना रह सके एसा लोकपाल लाने की तैयारी में UPA सरकार दिखाई पड़ रही है !देश और जनता को फिर ससे मुर्ख बनाकर अपने घोटाले बाजों को बचा लिया जाये एसा जन लोकपाल सरकार लाना चाहती  है! अन्ना ने फिर से मैदान सम्हाल लिया है ! 11 दिसंबर को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण धरना और 27  दिसंबर से फिर अनशन की तैयारी में है !
अन्ना , आपको देश के जन ने अपना नेतृत्व सोपा है ! कांग्रेस नीत UPA सरकार के कुटिल इरादे नेक नहीं लगते ये किसी भी हद तक जा सकते है ! यह लड़ाई अब सिर्फ आश्वासनों पर समाप्त न हो!पूरा देश मन वचन कर्म से आपके साथ है !आप संघोष  कीजिये देश का युवा फिर तिरंगा हाथ में थामे भारत माता की जय और वन्देमातरम के उदघोष के साथ प्राण - प्रण से आपके साथ अपना  "युव धर्म" निभाता  नजर आएगा ! 
लेकिन याद रहे अन्ना यह संघर्ष निर्णायक हो ! अब आश्वासन नहीं परिणाम  चाहिए !अन्ना आप से देश को अपेक्षाएं है,आप पर आपकी नेक नियति पर पूरा भरोसा है!लेकिन अब अगर देश का भरोसा टुटा तो  यह जन बिखर जायेगा जिसे  फिर शायद ही कोई गाँधी या  अन्ना जोड़ पायेगा ??? 





   

Saturday, September 3, 2011

हर पल ठगे जाते है हम...


जागो ग्राहक जागो   


ग्राहक शोषण हैS क्या हमारी vk[ksa [kqyrs gh ges pk; dk I;kyk pkfg;sA dgkuh ;gh ls 'kq: gksrh gS xzkgd 'kks"k.k dh D;k vkius /;ku fn;k gS fd pk; esa yxus okyk nq/k 500 ehyh yhVj ds iSdsV esa ges 4-55 xzke feyrk gS vkSj ge dher 500 xzke dh vnk djrs gS! [kkn~; rsy dks gh ys ys 15 yhVj [kkn~; rsy dh iSafdx ge [knhnrs gS ges 13-50 fd-xzk- feyrk gS ge dher vnk djrs gS 15 fdyks dhA ge lCth e.Mh tkrs gS ogka bysDVªkfud dkaVs dh dYiuk Hkh ugh dh tk ldrh ysfdu rkSy ds fy;s D;k ogkW ukirkSy foHkkx ds izekf.kd ^^ckV** mi;ksx esa gksrs gSA rks tcko gksrk gS irk ugh ge xkSj djs rks irk pyk gS rkSy gsrq uV cksYM ,oa iRFkjksa dk mi;ksx gksrk gS \
      xr ekg e/; izns’k esa ,;VVsy (Airtel) vkSj ch,l,u,y (BSNL) ds fookn esa dbZ fnuksa rd nksuksa dEifu;ksa ds xzkgd ijs’kku jgs dbZ xzkgdksa dks bl dkj.k gkuh Hkh mBkuh iM+h gkykdh xzkgd iapk;r ds gLr{ksi ds i'pkr ekeyk lqy>k vkSj xzkgdksa us jkgr dh lkl yhA xzkgd iapk;r us viuh ftEesnkjh c[kwch fuHkkbZ ysfdu tks gkuh xzkgdksa us mBkbZ mldh HkjikbZ dh ekax u xzkgdksa us dh u dEifu;ksa us dh cYdh mYVs iqjs le; dk fcy Hkh olwyk x;k bldh fpark xzkgdksa us Hkh ugh dh ;gh gS xzkgd 'kks"k.k !
      vc loky ;g mBrk gS fd ;k rks xzkgd cspkuk gS cscl gS ;k fQj og vius vf/kdkjksa ds izfr mnklhu gSA ;k fQj mls vius vf/kdkj ugha irk \ xzkgd ;fn NksVh NksVh ckrksa ij /;ku nsuk vkjaHk dj ns rks ;g leL;k vk/kh gy gks tk;sxhA ge oLrq [kjhnrs le; fcy ekaxsA fuekZ.k dh fof/k ekWxs lgh ukirkSy djok,Wa cl bruh ls ckr gSA ysfdu ge ges’kk 'kks"k.k ds fy;s 'kklu vkSj mldh fufr;ksa dks ftEesnkj Bgjkrs gS ftEesnkjh gS Hkh mudh ysfdu bl 'kks"k.k ds vk/ks ftEesnkj ge Hkh gSA
      vc iz’u ;g Hkh mBrk gS fd D;k ge okdbZ vius vf/kdkjksa ds izfr ltx gS \ gekjh 'kS{kf.kd ;ksX;rk mPp ,oa mPpre gks tk;s ysfdu ge jkstejkZ dh ftUnxh es gj fnu ugh gj iy Bxs tk jgs gSA vkf[kj bldk lek/kku gS D;k \ bldk lek/kku egt ehfM;k ;k lapkj ek/;eksa esa tkxks xzkgd tkxks ds foKkiu ugha gSA ges [kqn lpsr ltx vkSj tk:jd gksuk iMsxkA nwljk iwjs ns’k esa xzkgd vf/kdkj f’k{kk dks vfuok;Z ikB~;Øe esa tksM+uk gksxh rkdh Hkkoh ih<+h ds xzkgd bl 'kks"k.kdkjh O;oLFkk ls tkx:d gksdj yM+ सकें

                                                     
                                                       fgrs’k 'kqDyk

Wednesday, July 27, 2011

ईश्वर के होने का अहसास...!!!

मै बेहद परेशान था, हर कदम पर आ रही मुश्किलों से हैरान था !
असफलताओं का दौर मुझे आस्तिक से नास्तिक बना रहा था !!
आज रात कोई मेरा अपना मेरे सपने मे आया, उन्होंने प्यार से मेरे बालों को सहलाया !
बोले बेटा....परेशान हो या मुझसे नाराज हो आजकल मंदिर से  तुम क्यों  दूर
दूर हो !!
मैंने नाराजगी मे  करवट बदली और सो गया,!
थोडा गुस्सा आया और  फिर से गहरी नींद मे खो गया ! !
उन्होंने फिर प्यार से मेरे बालों को सहलाया !
उन्होंने मुझ पर और प्यार व स्नेह लुटाया !!
बोले ,हाँ लोग मुझे पत्थर की  मूर्ति मे देखकर भागवान मानते है !
माना की मानव देवताओं को इंसानों से बढ़कर मानते है !!
लेकिन पत्थर तो मेरी प्रतिकृति है , भगवान  होना मेरी जिम्मेदारी !
लेकिन यथार्थ मे मै भी एक  इन्सान हूँ !!
मेरा भी मन है दिल धड़कता है मे भी अपनो से स्नेह करता हूँ !
और मेरा अपना कोई मुझसे रूठे तो मे भी दुखी होता हूँ !!
तू मुझे पत्थर नहीं सदा से है अपना मानता आया !
तुने हर मुश्किल ,हर दुःख  ,सफलता और ख़ुशी  को मुझसे बंटाया !!
इसीलिए तू मंदिर नहीं आया तो मै खुद चला आया !
मेरी भी मज़बूरी है जो बहुत बुरी है...!!
मे भगवान हूँ पर अपनों से  नहीं मिल सकता !
तू मेरा अपना है पर मै तेरे आंसू नहीं पोंछ सकता !!
हाँ बस इतना है की तुझमे विश्वास जगा सकता हूँ !
मै तेरे हर दम साथ हूँ यह जता सकता हूँ !!
उनकी बातों से मेरा मन पसीज गया !
आँखों से सटा तकिये का हिस्सा भीग गया !!
 मैंने आँखे खोली तो आँखें  भी भीगी थी !
उठकर देखा तो मेरे पास कोई नहीं बस उनके होने का आभास  था !
भगवान आज भी है यह विश्वास मेरे साथ था !!
शायद यह विश्वास ही ईश्वर के होने का अहसास था .....!!!

Sunday, May 8, 2011

माँ की मुस्कान ...

{ माँ को समर्पित... हितेश शुक्ला }


आप  खुश  हो तो मुझे ख़ुशी मिलती है !
जैसे मरुस्थल में नदी मिलती है !! 
आपकी ख़ुशी मेरा मनोबल बढाती है !
आपकी ख़ुशी मंजिल पाने की चाह जगाती है !!


आपकी मुस्कान दुःख मे सुख का आभास करवाती  है !!
आपकी ख़ुशी जीत की राह दिखलाती है !!
आपका मुस्कुराकर शुभकामनायें देना !
जैसे ईश्वर का मेरी सफलता सुनिश्चित कर देना !!


आपका मुस्कुराना निराशा में आशा जगाता है !
आपका मुस्कुराना जीवन जीने का उद्देश्य बताता है !!
जब आपकी आखों में ख़ुशी की चमक आती है !
चाँद और सूरज की रौशनी को फीका कर जाती है !!


आपकी मुस्कान मेरे प्राण है !
आपकी मुस्कान मेरी सफलता का सम्मान है !!
आपकी मुस्कान मेरे जीवन का ध्येय है !
आपकी मुस्कान मेरी समस्याओं का समाधान है !!


आपकी मुस्कान मेरी जीत का प्रमाण  है !
आपकी मुस्कान तपती दुपहरी में ठंडी छाँव का का अहसास है !!
आपकी मुस्कान कस्तूरी महक का आभास  है !
आपकी मुस्कुराहट मृत्यु के बाद का जीवन दान है !!
इसलिए माँ की मुस्कान में ही मेरा भगवान है.......!! 

Monday, January 24, 2011

हाँ देश में लोकतंत्र अपना जनाधार खो रहा है...


२६ जनवरी २०११ को हमारा गणतंत्र ६२ वर्ष का हो गया...यह गणतंत्र  दिवस कई प्रश्नों के साथ आया है बड़ा प्रश्न यह है की क्या देश गणतंत्र हो गया..??? जो कल्पना थी बापू की, जो कल्पना की थी लोकतंत्र के ग्रन्थ "संविधान" के रचनाकर आंबेडकर जी ने... क्या ये वही राष्ट्र है...जिसके संविधान मे देश के नागरिकों को स्वतंत्र घोषित किया गया था....लिखा था...यह एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य या संप्रभु राष्ट्र है...यह सत्य है..??? क्या यह मान लें की "इस देश का भगवान ही मालिक है" देश की सर्वोच्च न्यायलय ने सही कहा है..??? या यह कह दिया जाये  की यह देश जिसकी लाठी उसकी भेंस की तर्ज पर चल रहा है...अर्थात जिसके  हाथ मे सत्ता वो संविधान से ऊपर हो गया... तिरंगे से बढ़कर हो गया...उनके लिए...संविधान के अंश रद्दी कागज पर लिखे ओचित्य हिन शब्दों की तरह हो गया... लगता है की इस देश मे लोकतंत्र है भी या नहीं...ये देश आजादी के बाद से ही एक परिवार की की बपोती हो गया... लगता नेहरु उर्फ़ वर्तमान गाँधी परिवार ने देश पर शासन करने का पेटेंट करा लिया है...आंबेडकर जी ने आरक्षण पिछड़े देश के कुछ पिछड़े देशवासियों को मुख्य धारा मे लाने के लिए दिया था.. ताकि उन पिछड़ चुके देशवासियों को स्वतंत्र होने का अहसास दिलाया जा सके... लेकिन ये आरक्षण सत्ता हथियाने का हथियार हो गया...अब मुस्लिम वोटों का गणित लगा कर उन्हें आरक्षण देने का प्रयास शुरू हो गया है...राजस्थान मे केवल एक समाज ने पुरे देश को हलाकान कर दिया... कल्पना कीजिये यदि एसा संघर्ष हर समाज ने छेड़ दिया तो...???आर्थिक आधार पर गरीब पिछड़ेपन पर आधारित आरक्षण देने के मुद्दे पर सबकी चुप्पी है...हाँ लोकतंत्र में कोन अपना जनधार खोना चाहेगा...लेकिन भरे मन से यह कहना पड़ता है...हाँ इस देश में लोकतंत्र अपना जनाधार खो रहा है...देश का वो युवा जिसे सब भाग्य विधाता कहते है  उसकी पढाई के लिए लोन आज कार खरीदने से  महंगा है और जटिल है...चार लाख करोड़ रुपये भ्रष्टाचार चाट गया...करोड़ों युवा बेरोजगारी की मार के चलते या तो गलत मार्ग चुन रहे है... या प्रतिभा को अवसरों को कमी के चलते...देश छोड़कर भागने को मजबूर है...और राजनितिक दल केवल सत्ता प्राप्ति ले जतन में लगे है...किसान आत्महत्या करते है तो बजाय कारण जानकर समाधान खोजने के सरकार को घेरने की तयारी हो जाती है..हत्या पर सियासत शुरू हो जाती है...जबकि संविधान में रचनात्मक विपक्ष की कल्पना में स्पष्ट कहा गया है की "विपक्ष सरकार को निरंकुश होने से रोकेगा साथ ही देश हित या राष्ट्रीय समस्या पर समाधान खोजना भी उसका दायित्व होगा सरकार के सुशासन देने में सहयोग करेगा...गलत नीतियों का विरोध भी करेगा " लेकिन यह असंभव हो गया है क्यों की यहाँ सब कुछ स्वार्थ और अर्थ से जुड़ गया है...देश में राष्ट्रीय एकता और अखंडता को भी नजर सी लग गयी है...नए राज्यों के निर्माण को लेकर लगातार होने वाले आंदोलनों से भय सा लगने लगा है...कहीं ये राज्यों की मांग करने वाले आन्दोलन विदेशी ताकतों के हाथ पड़कर किसी दिन अलग देश की मांग न कर बैठे....विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र के लिए राष्ट्रिय सुरक्षा भी मुद्दा बन गया और चुनोती भी... कश्मीर के हालात जगजाहिर है....देश भर में..जब चाहे जहाँ चाहे बम के धमाके कर भारत को भर में चुनोती देकर चले जाते है... गिरफ़्तारी होने पर भी उन्हें नाजों से पाला जाता है...संसद पर हमले का दोषी हमारी जेल में बंद होने के बाद भी हम उसे फासी देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे... कसाब की सेवा में आज भी देश का करोड़ों रूपया बर्बाद हो रहा है...तीस्ता, अरुंधती, बुखारी..यासीन जैसे  लोग तो देश और संविधान से भी बढ़कर हो गए...जिस देश में देश का झंडा तिरंगा नहीं फहरा सकते उसे लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता... जहाँ कृषि अर्थव्यवस्था का आधार हो फिर भी किसान कर्ज से मरे जा रहे हो... जहाँ बचपन मजदूरी में बीत रहा हो...जहाँ लाखों तन..बिना कपड़ों के हो... लाखों तन अनाज सड़ गल रहा लेकिन लोग भूख के कर्ण मर रहे हो... वहां लोकतंत्र मजबूत नहीं  बेचारा हो गया है कमजोर हो गया है है...और इस बेचारे लोकतंत्र की मजबूत कड़ी कोई हो सकती है तो वो इस देश की युवा शक्ति....!!!         
  

Sunday, January 23, 2011

तिरंगा फहराने से कोई नहीं रोक सकते....दम हो तो राहुल और उमर भी जाये लाल चौक तिरंगा फहराने

 26 जनवरी को  गणतंत्र दिवस है...भारत का अपना संविधान लागु हुआ  था....देश का राष्टीय ध्वज तिरंगा होगा...
 यह भी संविधान मे कहा गया  है...., तिरंगा हमारे स्वाभिमान का प्रतिक है....
 हमारे देश का प्रतिक है, वह आन बान और शान का प्रतिक है... उसके लिए लाखों माताओं  की गोद इसलिए सुनी हुई थी की तिरंगा इस देश मे शान से फहराया जा सके.... ,लाखों नव विवाहिताओं  की मांग का सिंदूर इसी तिरंगे को सम्मान से फहराएँ जाने के अधिकार के लिए कुर्बान हो गया...,कई बहनों की राखी कलाई को तरस रही थी क्यों की वो कलाई देश हित मे उठी थी जिसे अंग्रेजों ने काट दिया....लाखों बच्चों को इसी तिरंगे के खातिर अनाथ होना पड़ा... कई तो माँ की कोख मे ही थे और पिता  का साया उठ गया...कई विधवाओ युवतियों की अस्मिता से खेला गया क्यों की वो तिरंगे को ऊसका हक़ दिलाने की जंग मे अपने पिता,भाई,पति और बेटे से कदम ताल कर रही थी...कई बूढ़े माँ बाप इसलिए दम तोड़ चुके थे की उनका बुढ़ापे सहारा कोई नहीं बचा था...लेकिन आज वो तिरंगा आज भारत के एक प्रदेश मे फहराना चुनोती बन गया... वहां तिरंगा फहराने पर एसा माहोल तैयार किया जा रहा है जैसे कुछ युवा तिरंगा फहराने पाकिस्तान जा रहे हो....यासीन मालिक जैसे गुंडे आज तिरंगा न फहराने की चुनोती देकर भी छुट्टे घूम रहे है....तिरंगा फहराने जाने वालों को रोकने के लिए तिन हजार से अधिक सैनिक  तैनात किये जा रहे है...मुझे  समझ नहीं आ रहा  की   लाल चोक पर पाकिस्तानी झंडा  फहराया जाये तो हंगामा नहीं होगा और तिरंगा फहराने की बात आती है तो बवाल खड़ा कर दिया जाता है...विश्व का एस कोनसा देश है जहा के युवा वहां का झंडा नहीं फहरा सकते...आखिर क्यों कश्मीर के लाल चौक मे तिरंगा नहीं फहराया जा सकता...तिरगा भारत मे नहीं तो क्या पाकिस्तान इटली या वाशिंगटन मे फहराया जायेगा...दुर्भाग्य है देश का  भारतीय तिरंगा जला दिया  जाये लेकिन.... "वन्दे मातरम"  कहना  सांप्रदायिक हो गया....कश्मीर मे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे खुलेआम लगाओ लेकिन भारत माता की जय कहना जैसे गुनाह  हो  गया....आतंकवादी  अफजल को फासी दी तो देश जल उठेगा...कसाब को सूली पर टांगा तो कश्मीर धधक उठेगा...कश्मीर के भारत मे  विलय प्रश्न खड़े करने वाली अरुंधती पर प्रकरण दर्ज नही किया गया...तब भी मसला कश्मीर को लेकर था.. सवाल देश पर था...किन्तु तब उमर अब्दुल्ला ने क्यों...अरुंधती को गिरफ्तार करने के आदेश नहीं दिए..आखिर क्यों... तिरंगा जलाने वाले... पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले...अफजल,कसाब के समर्थन मे बोलने वालों को आज तक जेल की सलाखों...मे बंद नहीं किया....????  आखिर क्यों अफजल को फासी नहीं दी जा रही...??? क्यों बटला हॉउस के शहीद की शाहदत पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाता है...??? कांग्रेस चाहती है क्या है...उसे स्पष्ट करना चाहिए...क्या वह नहीं चाहती की लाल चौक पर पाकिस्तानी झंडे की जगह भर का तिरंगा लहराए...??? अगर हाँ तो उसे चाहिए...  भाजपा और कांग्रेस की राजनितिक प्रतिद्वंदिता से उठकर लाल चोक पर तिरंगा फहराने जाने जाने वाले युवाओं  को सुरक्षा देने के लिए... फौज की तैनाती करे न की तिरंगा फहराने जाने वालों को रोकने हेतु...
कांग्रेस को डर है की कही भाजपा को इसका रानीतिक लाभ न हो  जाये  तो उसे राहुल और उमर अब्दुल्ला को भी तिरंगा फहराने हेतु लाल चोक भेज देना चाहिए...लेकिन याद रहे भारत के युवाओ की नसों मे रक्त अभी  शेष है और जब तक भारत के लहू मे गर्मी और धमनियों श्वास शेष है.. तब तक कश्मीर तो क्या देश सीमा पर भी तिरंगा फहराने से   कोई नहीं रोक सकते....

अब युवा शक्ति कॆ गर्जन सॆ, संसद की दीवारॆं थर्रानॆं दॊ !!
काश्मीर के जर्रे-जर्रे मॆं अब, राष्ट्र-तिरंगा फ़हरानॆ दॊ..... !!

आओ  तिरंगा लाल चौक पर फहराएँ....अपना "युवधर्म" निभाए...