Tuesday, November 29, 2011

अन्ना यह संघर्ष निर्णायक हो...!!!


अब आश्वासन नहीं परिणाम  चाहिए...

                                                                             " अन्ना ने फिर से संघर्ष का मैदान सम्हाल लिया है ! ११ दिसंबर को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण धरना और 27  दिसंबर से फिर अनशन की तैयारी में है !अन्ना  आपको देश के जन ने अपना नेतृत्व सोपा है ! कांग्रेस नीत UPA सरकार के कुटिल इरादे नेक नहीं लगते ये किसी भी हद तक जा सकते है ! यह लड़ाई अब सिर्फ आश्वासनों पर समाप्त न हो!पूरा देश मन वचन कर्म से आपके साथ है !आप संघोष  कीजिये देश का युवा फिर तिरंगा हाथ में थामे भारत माता की जय और वन्देमातरम के उदघोष के साथ प्राण - प्रण से आपके साथ अपना  "युव धर्म" निभाता  नजर आएगा ! लेकिन याद रहे अन्ना यह संघर्ष निर्णायक हो ! अब आश्वासन नहीं परिणाम  चाहिए !अन्ना आप से देश को अपेक्षाएं है,आप पर आपकी नेक नियति पर पूरा भरोसा है!लेकिन अब अगर देश का भरोसा टुटा  अन्ना तो  यह जन बिखर जायेगा जिसे  फिर शायद  कोई गाँधी या नहीं जोड़ पायेगा ???" 


             देश में युपीए सरकार वर्ष 2011 में भारत की हि नही विश्व की सर्वाधिक घोटाले बाजों की सरकार होने का कीर्तिमान रच ही रही थी ! तभी  देश को पता चला की हमारे देश की सारी गरीबी मिटा दी जाये इतने रुपये चोरी छुपे देश के बार अन्य देशों की बैंकों में जमा  है ! सत्ता के षड्यंत्रों से अनजान योग गुरु ने देश की सरकार पर विदेशी बेंको में जमा देश धन  देश में वापस लाया जाये ! उसे राष्ट्रीय सम्पत्ती घोषित किया जाये !इसके लिए आंदोलन छेड़ दिया !पोल खुल जाने से और धन खोने के डर से उनके आन्दोलन को दबा दिया इतना ही नहीं  उन्हें बे आबरू कर दिया गया ! उन्हें बातो और आश्वासनों के भ्रम में उलझा लिया सच्चाई पता चलता  तब तक देर हो चुकी थी ! रामदेव सत्ता के षड़यंत्र में पूरीतरह उलझ गये !देश के सामने उनकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को तार तार कर दिया गया ! उन्हें क़ानूनी  पेचीदगियों  में उलझा दिया गया! उन्हें अब योग गुरु कि जगह ठग कहे जाने लगे ! कांग्रेस ने ओछेपन की सारी हदे तोड़ दी द्वेष पूर्ण  क़ानूनी नाके बंदी शुरू कर दी !कई जांचों में उलझाकर उनके आन्दोलन को बिखेर दिया ! 
देश में भ्रष्टाचार के कारण खूब हंगामा बरपता रहा ! एक के बाद एक घोटालो के प्रमाणित आरोपों को कांग्रेस नीत केंद्र सरकार ने कान में रुई लगाकर अनदेखा कर दिया ! और तो और बजाय भ्रष्ट चारियों पर कार्यवाही करने के बेशर्मी से कांग्रेसी बयान वीरों ने  उन्हें क्लीन चीट तक दे डाली ! कांग्रेसी मान मर्यादा तो दूर न्यायालय से भी ऊपर हो गये! लेकिन अन्ना की हूकार ने बहरी होकर बैठी सरकार को हरकत में आने पर मजबूर कर दिया ! रामदेव के आन्दोलन को निरंकुशता से  अनशन समाप्त करवा  चुकी सरकार ने अन्ना को भी गिरफ्तार कर तानाशाही लोकतंत्र की तस्वीर दिखा दी !लेकिन जन के मन में दबी आग में  अन्ना की गिरफ़्तारी ने घी का काम किया !अब देश की जनता  जिसे कांग्रेसी सुप्त लोकतंत्र की भीड़ मानती रही वह इस निरंकुशता के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गयी! क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान हर कोई इस सत्ता को जन की ताकत का अहसास करवाने सड़क पर आगया !एसा लगा आज़ादी की तीसरी लड़ाई आरम्भ हो गयी ! मैंने जाग्रत देश को अपनी आँखों से देखा !अब वह आग दिल्ली से निकल कर गाँव गाँव तक पहुँच गयी !तिरंगा , वन्दे मातरम ,भारत माता का जयकारा ,अन्ना और सफ़ेद टोपी  भ्रष्टाचार के खिलाफ क्रांति के प्रतीक बन गये ! सरकार के सारे दांव उलटे पड़ गये ! सत्ता के मद में चूर कांग्रेस के कूटनीतिज्ञों का नशा जनता ने उतार दिया ! देश की जनता ने संकेत दे दिया !अब मनमर्जी नहीं चलेगी !सत्ता का दंभ जन के आगे नत मस्तक हुआ ! विशेष सत्र बुलाकर जन लोकपाल पर चर्चा की सहमती दे दी ! भाजपा ने कहा जन लोकपाल  पर हम देश के साथ है !फिर क्या था !संसद का विशेष सत्र बुलाया गया ! चर्चा हुई ! नेता प्रतिपक्ष  श्री मति सुषमा स्वराज ने लोकसभा में और श्री अरुण जेटली ने राज्य सभा में एतिहासिक भूमिका का निर्वहन जन लोकपाल बनाने के मार्ग में किया ! सकारात्मक विपक्ष का यह अद्वितीय उदाहरण भी  संसदीय  इतिहास में पेश किया !लेकिन एक बार फिर केंद्र सरकार ने धोखेबाजी की जनलोकपाल लागु करवाने  का नाटक  सरकार ने संसद में खूब किया अन्ना ,देश और विपक्षी दलों को भी अपने अभिनय से भ्रमित करने में सफल रही !
सशक्त लोकपाल के गठन की बारी आई तो सरकार ने अपना गिरगिट की तरह  रंग बदलना शुरू कर दिया ! इतना ही नहीं  अन्ना पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़े जाने लगे ! अन्ना के NGO पर  जाँच बैठाई गयी ! अरविन्द केजरीवाल पर रिकवरी निकल दी गयी ! किरण बेदी  को भी क़ानूनी शिकंजे में फाँसने की तैयारी की गयी ! यही नहीं भेदिये की भूमिका में बहरूपिये अग्निवेश का बखूबी इस्तेमाल किया ! अन्ना टीम को तोड़ने और बदनाम करने की कोई कसर नहीं छोड़ी !
लेकिन अन्ना चुप रहे सरकार अपने करतब दिखाती रही !मोंन व्रत ले लिया फिर कहा में अगले आन्दोलन और देश  में घुमने को तैयार हूँ ! शीत कालीन सत्र शुरू हो गया ! जन लोकपाल  ले नाम पर देश को फिर सरकार ठेंगा दिखा रही है ! अन्ना की हुँकार के खौफ में सरकार लोकपाल पर बिल तो ला रही है लेकिन मनमोहन सिंह  की तरह कमजोर,बेबस , सरकार के हाथों की कठपुतली बना रह सके एसा लोकपाल लाने की तैयारी में UPA सरकार दिखाई पड़ रही है !देश और जनता को फिर ससे मुर्ख बनाकर अपने घोटाले बाजों को बचा लिया जाये एसा जन लोकपाल सरकार लाना चाहती  है! अन्ना ने फिर से मैदान सम्हाल लिया है ! 11 दिसंबर को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण धरना और 27  दिसंबर से फिर अनशन की तैयारी में है !
अन्ना , आपको देश के जन ने अपना नेतृत्व सोपा है ! कांग्रेस नीत UPA सरकार के कुटिल इरादे नेक नहीं लगते ये किसी भी हद तक जा सकते है ! यह लड़ाई अब सिर्फ आश्वासनों पर समाप्त न हो!पूरा देश मन वचन कर्म से आपके साथ है !आप संघोष  कीजिये देश का युवा फिर तिरंगा हाथ में थामे भारत माता की जय और वन्देमातरम के उदघोष के साथ प्राण - प्रण से आपके साथ अपना  "युव धर्म" निभाता  नजर आएगा ! 
लेकिन याद रहे अन्ना यह संघर्ष निर्णायक हो ! अब आश्वासन नहीं परिणाम  चाहिए !अन्ना आप से देश को अपेक्षाएं है,आप पर आपकी नेक नियति पर पूरा भरोसा है!लेकिन अब अगर देश का भरोसा टुटा तो  यह जन बिखर जायेगा जिसे  फिर शायद ही कोई गाँधी या  अन्ना जोड़ पायेगा ???