Sunday, January 13, 2013

अबकी बार सिंहासन को ठोस फैसला करना होगा....!!

[{ शाहदत को श्रंद्धांजलि-प्रणाम ...हितेश शुक्ल }]


 रोज रोज का झंझट अब यह ख़त्म हमे करना होगा!
अबकी बार सिंहासन को ठोस फैसला करना होगा!!
कब तक रोएंगे हम, अपने शेरो की लाशो पर!
शर्मिंदा है हम अपनी सत्ता की कायरता पर!!
वीर शिवा और भगतसिंह का अपमान नहीं करने देंगे!
अब किसी श्वान झुण्ड को सिंह शिकार न करने देंगे !!
रोज रोज.....

बार बार मरने की पीड़ा अब तो सहन नहीं होती!
इतना बिलख चुके की अब आँखे भी नम नहीं होती!!
क्रोध की ज्वाला धधक रही है भारत के हर सिने में!
 अब भी डरता हो सिंहासन यदि कडा फैसला लेने में !!
तो छुप जाये जाकर इटली के आँचल या किसी कोने में!!
और हाथ खोल दो इन शेरो के अनुशासन की पाबन्दी से!
शपथ लेते है मात्र भूमि की नहीं इसे लजायेंगे!!
बस कुछ मिनटों में दुनिया का भूगोल बदल कर आयेंगे!!!
पाक के जर्रे जर्रे में राष्ट्र तिरंगा फहराएंगे!!
सच कहते है रोज रोज की ये पीड़ा अब सहन नहीं होती
 सुहागनों चूडियो की ये टूटन सहन नहीं होती !
सुनी मांग और सुनी गोद से निकली आहें सहन नहीं होती !
एक बार यह संकल्प हमे अब करना होगा!
एक बार उन्हें मारना है या खुद को मरना होगा!!
मौन तोड़ ए राज सिंहासन अब पाचजन्य फुकना होगा!
शेर शीश का बदला भारत को लेना होगा !!
 रोज रोज का झंझट ख़त्म कर, अब ठोस फैसला लेना होगा......... !!!!