Sunday, May 8, 2011

माँ की मुस्कान ...

{ माँ को समर्पित... हितेश शुक्ला }


आप  खुश  हो तो मुझे ख़ुशी मिलती है !
जैसे मरुस्थल में नदी मिलती है !! 
आपकी ख़ुशी मेरा मनोबल बढाती है !
आपकी ख़ुशी मंजिल पाने की चाह जगाती है !!


आपकी मुस्कान दुःख मे सुख का आभास करवाती  है !!
आपकी ख़ुशी जीत की राह दिखलाती है !!
आपका मुस्कुराकर शुभकामनायें देना !
जैसे ईश्वर का मेरी सफलता सुनिश्चित कर देना !!


आपका मुस्कुराना निराशा में आशा जगाता है !
आपका मुस्कुराना जीवन जीने का उद्देश्य बताता है !!
जब आपकी आखों में ख़ुशी की चमक आती है !
चाँद और सूरज की रौशनी को फीका कर जाती है !!


आपकी मुस्कान मेरे प्राण है !
आपकी मुस्कान मेरी सफलता का सम्मान है !!
आपकी मुस्कान मेरे जीवन का ध्येय है !
आपकी मुस्कान मेरी समस्याओं का समाधान है !!


आपकी मुस्कान मेरी जीत का प्रमाण  है !
आपकी मुस्कान तपती दुपहरी में ठंडी छाँव का का अहसास है !!
आपकी मुस्कान कस्तूरी महक का आभास  है !
आपकी मुस्कुराहट मृत्यु के बाद का जीवन दान है !!
इसलिए माँ की मुस्कान में ही मेरा भगवान है.......!! 

7 comments:

  1. .


    प्रिय बंधुवर हितेश शुक्ल जी
    सस्नेहाभिवादन !

    मां की मुस्कान में ही मेरा भगवान है… … …!!
    मेरा भी ! :)
    बहुत भाव भरी रचना है …
    मेरी मां का स्वास्थ्य अभी अच्छा न होने के कारण मैं वैसे भी बहुत चिंतित हूं … आपकी रचना ने मेरी मनोभावनाओं को उकेरा है … आभारी हूं ।

    आपके ब्लॉग की पूरी सामग्री प्रभावित करती है … कृपया , आप भी अन्य अधिकाधिक ब्लॉग्स पर विजिट किया कीजिए , ताकि आपके श्रेष्ठ ब्लॉग से लोग परिचित हों । मैं मात्र संयोगवश आपके यहां पहुंचा हूं :)

    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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    1. जी धन्यवाद, बहुत दिनों बाद मैं फिर से लेखन की इच्छा से आया हूँ आप के उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद... माता जी का स्वास्थ्य कैसा है । प्रभु,माँ को दीर्घायु करे👏

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    2. धन्यवाद... आपके उत्सवर्धन से मुझे सदैव ऊर्जा व लिखने की प्रेरणा मिलती है...माता जी दीर्घायु और स्नेहाशीष बना रहे...👏

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