Wednesday, July 27, 2011

ईश्वर के होने का अहसास...!!!

मै बेहद परेशान था, हर कदम पर आ रही मुश्किलों से हैरान था !
असफलताओं का दौर मुझे आस्तिक से नास्तिक बना रहा था !!
आज रात कोई मेरा अपना मेरे सपने मे आया, उन्होंने प्यार से मेरे बालों को सहलाया !
बोले बेटा....परेशान हो या मुझसे नाराज हो आजकल मंदिर से  तुम क्यों  दूर
दूर हो !!
मैंने नाराजगी मे  करवट बदली और सो गया,!
थोडा गुस्सा आया और  फिर से गहरी नींद मे खो गया ! !
उन्होंने फिर प्यार से मेरे बालों को सहलाया !
उन्होंने मुझ पर और प्यार व स्नेह लुटाया !!
बोले ,हाँ लोग मुझे पत्थर की  मूर्ति मे देखकर भागवान मानते है !
माना की मानव देवताओं को इंसानों से बढ़कर मानते है !!
लेकिन पत्थर तो मेरी प्रतिकृति है , भगवान  होना मेरी जिम्मेदारी !
लेकिन यथार्थ मे मै भी एक  इन्सान हूँ !!
मेरा भी मन है दिल धड़कता है मे भी अपनो से स्नेह करता हूँ !
और मेरा अपना कोई मुझसे रूठे तो मे भी दुखी होता हूँ !!
तू मुझे पत्थर नहीं सदा से है अपना मानता आया !
तुने हर मुश्किल ,हर दुःख  ,सफलता और ख़ुशी  को मुझसे बंटाया !!
इसीलिए तू मंदिर नहीं आया तो मै खुद चला आया !
मेरी भी मज़बूरी है जो बहुत बुरी है...!!
मे भगवान हूँ पर अपनों से  नहीं मिल सकता !
तू मेरा अपना है पर मै तेरे आंसू नहीं पोंछ सकता !!
हाँ बस इतना है की तुझमे विश्वास जगा सकता हूँ !
मै तेरे हर दम साथ हूँ यह जता सकता हूँ !!
उनकी बातों से मेरा मन पसीज गया !
आँखों से सटा तकिये का हिस्सा भीग गया !!
 मैंने आँखे खोली तो आँखें  भी भीगी थी !
उठकर देखा तो मेरे पास कोई नहीं बस उनके होने का आभास  था !
भगवान आज भी है यह विश्वास मेरे साथ था !!
शायद यह विश्वास ही ईश्वर के होने का अहसास था .....!!!

11 comments:

  1. .


    भगवान आज भी है यह विश्वास मेरे साथ था !!
    शायद यह विश्वास ही ईश्वर के होने का अहसास था .....!!!



    प्रिय बंधुवर हितेश जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    मेरा भी मन है दिल धड़कता है मे भी अपनो से स्नेह करता हूँ !
    और मेरा अपना कोई मुझसे रूठे तो मे भी दुखी होता हूँ !!
    तू मुझे पत्थर नहीं सदा से है अपना मानता आया !
    तुमने हर मुश्किल ,हर दुःख ,सफलता और ख़ुशी को मुझसे बंटाया !!
    इसीलिए तू मंदिर नहीं आया तो मै खुद चला आया !

    तेरे द्वार खड़ा भगवान …

    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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    1. आपका उत्साहवर्धन...मेरी लेखनी को और परिपक्व करेगा धन्यवाद

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  2. भावभीनी रचना। Word verification हटा लें तो टिप्पणी करने में सरलता होगी।

    शुभकामनाएं!

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    1. शुभकामनाओं के लिए .... धन्यवाद लेकिन Word verification कैसे हटाना है मुझे नहीं पता...में किसी के सहयोग से आपके सुझाव पर अमल करूँगा

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  3. पावन भाव लिए हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ .....

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  4. Replies
    1. धन्यवाद दोस्त मेरी गलतियाँ सुधारे ऐसे सुझाव प्रेषित करना...साग्रह अपेक्षा है..

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