Sunday, May 15, 2022

उजाला हर हाल में आएगा

तमस घनघोर छाया हो 
असत्य की चहुँओर माया हो
उजाला हर हाल में आयेगा
अंधेरा भाग जाएगा
जानकी की तरह आस रखना
राम पर विश्वास रखना
समुंदर लांघ आएंगे
कपट को चीर जाएंगे
थोड़ी देर जरूर होगी
भले देना होगी
परीक्षा अग्नि की
फिर तो धर्म जीतेगा
सत्य भी जीत जाएगा
असत्य जब हार जाएगा
अंधेरा पनाह ढूंढेगा
उजाला बड़ा दयालु है
राम की तरह कृपालु है
दिया उसे भी जगह देगा
अपने तले में बिठा लेगा
अधर्म का नाश जब होगा
धर्म का राज तब होगा
हर ओर उजाला लाएगी
रोशनी जगमगाएगी
अंधेरों को मिटाएगी 
धर्म ध्वजा लहरायेगी
दीवाली भी तभी आएंगी
राम का राज संग लाएगी.. ।। 
 -: हीतेश शुक्ला

Monday, March 21, 2022

यूपी में भाजपा की जीत के स्क्रिप्ट राइटर है श्री सुनील बंसल

अभाविप की पाठशाला में रचे बसे और तैयार होकर जब देश की  भावी पीढ़ी को राष्ट्रवाद से जोड़ने के काम मे तन्मयता से लगे थे ।  जेएनयू में वामपंथीयों की जड़ हिलाने और दिल्ली विश्वविद्यालय में कांग्रेस अन्य को उखाड़ने वाला नाम सुनील जी ही है । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और  श्री अमित शाह  और रणनीति कारों ने उनकी क्षमता को  पहचानने वालो ने  उनको  न केवल भाजपा में बुलाया गया  बल्कि  सनागठनात्मक रूप से बिल्कुल कमजोर हो चुके उत्तर प्रदेश का काम सौपा । तो  सिवाय निकट से जानने पहचानने वाले अभाविप और संघ के चुनिंदा लोगों के अलावा किसी ने नही सोचा होगा कि सुनील जी उत्तरप्रदेश जैसे चुनोतीपूर्ण और टेढी मेढ़ी पथरीली राह वाले पूरी तरह  बाहुबली धनबल से संचालित राजनैतिक ढांचे वाले प्रदेश में भेजा तो गया है लेकिन क्या वे सफल हो पाएंगे । लेकिन उन्होंने  सदैव संगठन निर्देश को अपना प्रण मांन कर प्राण झोंक देने वाले परिश्रम से भाजपा की उत्तर प्रदेश में पूर्ण  बहुमत से वापसी  के साथ इतना बड़ा करिश्मा कर  दिखाया जिसका देश  का कोई राजनीतिक पंडित आंकलन नही कर सकता था ।कोई भाजपा का पीके यो कोई जूनियर अमित शाह कहता है । उत्तर प्रदेश जैसे कठिन राज्य जहां स्वानुशासन से नियंत्रण शब्द  सोच से भी परे है वह भी किसी राजनैतिक दल में  लेकिन यह सब साकार कर दिखाने का करिश्मा कर दिखाने वाला नाम है सुनील बंसल । उत्तर भाजपा के संगठन महामंत्री प्रबंधन ,भाजपा उत्तर प्रदेश  की जीत,   कुशल चुनाव संचालक ,जनता की नब्ज जानने वाले और कार्यकर्ताओं को उनकी खूबी केअनुरूप तराशने वाले एक राजनैतिक कार्यकर्ता के  रूप में जाने जाते है ।  सुनील जी के काम को अभाविप के दौरान बहुत करीब से देखा  बहुत संजीदगी के साथ हर काम को करना और जिस आम से आम  काम को  करना उसे ही खास बना देना ।  बेहद ही कुशल वक्ता सुनील जी  हिमाचल प्रदेश के ऊना  में आयोजित अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में  राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर उनका वक्तव्य उस अधिवेशन  में उपस्थित देश भर की छात्र शक्ति के दिल दिमाग पर छपने वाला था ।  उन्होंने देश के युवाओं को गजनी की अलार्म की भूमिका देते हुए कहा था" देशद्रोहियों के खिलाफ  देश को जगाने वाली अलार्म की तरह है " । साथ ही  तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार के लिए  बदनाम राजग सरकार के  विरुद्ध शंखनाद का आह्वान भी तभी से किया था ।  उंसके बाद भ्रष्टाचार के विरुद्ध  बड़ा अभियान का नेतृत्व कर सरकार पर देश भर में हल्लाबोलने वाले बंसल जी के  कार्यशैली के मुरीद और अनुयायियों को बड़ी संख्या राजस्थान और उत्तरप्रदेश ही नही देश भर में है ।

सुनील बंसल  जी के फेसबुक को ही खंगाल लिया जाए तो उनके अथक परिश्रम की कहानी स्वतः सामने आजाती है  लेकिन केवल सोशल मिडिया तक नही उसका 10 गुना बिना प्रचार के परिश्रम करते है । जब लोकसभा चुनाव के बाद अप्रत्याशित सफलता के श्रेय को  बधाइयाँ देने वालो ने बात की तो जवाब होता था गंभीरता से जवाब आताः था विधानसभा जितना है । विधानसभा जितने पर जब बात करने पर उनका लक्ष्य अगला लोकसभा हो गया । लोकसभा जाते ही वो भाजपा को  फिर से आनेवाले समय और स्थानीय चुनावों की चुनोतियो से निपटने के लिए तैयार करने में जुट गए ।  केवल चुनाव नही संगठन निधि हो या सदस्यता या कोई राष्ट्रीय अभियान उत्तर प्रदेश भाजपा के काम का अगुआ राज्य बनकर उभर गया ।   तमाम सुविधाओ से सुसज्जित वार रूम  से लैस  कार्यालयों की श्रंखला और कार्यालय से  कार्यकर्ताओ को जोड़ने का क्रम खड़ा कर  उत्तर प्रदेश के चरमराये  सनागठनात्मक ढांचे की एक  सुसंगठित स्वरूप दे दिया जिसका लाभ इस चुनाव में भाजपा को मिला ।  उत्तर प्रदेश जीस प्रकृति का राज्य है वहाँ टिकिट वितरण के बाद असंतोष की आवाज तक न आना  बड़ी उपलब्धि  है ।  बेहद शालीन और मृदुभाषी लेकिन काम को लेकर जरा भी कोताही सहन नही करने वाले  सुनील  जी को हर काम मे परफेक्शन पसंद है ।  वे  बहुत अच्छे वक्ता कुशल संगठन कर्ता के साथ बेहतरीन लेखक भी है
  पिछले चुनाव  हो या अन्य अभियान इसके दौरान सैकड़ों नारे और स्लोगन खुद लिखते है । हर अच्छा सुझाव और काम की बात छोटे से छोटे स्थान से मिले सुझाव या बात को  वे बहुत ध्यान से सुनकर डायरी में नोट करना नही भूलते । बंसल जी के नित नूतन चिर पुरातन, और सगठन के लिए कोई कार्यकर्ता अनिवार्य और अपरिहार्य नही है , वे  जीती जागती कार्यकर्ताओं के निर्माण की पाठशाला है  ।व्यक्तित्व में  कृतित्व मेंअभाविप के प्रशिक्षण के वाक्य हर पल झलकते है ।  उन्हें कुशल प्रबंधक के दायरे में बांधना अनुचित होगा ।  अभाविप के 60 वर्ष होने पर किताब" एक आंदोलन देश के लिए" प्रकाशन के दौरान  चर्चा में  बोला शब्द उनके व्यक्तित्व को बयान करता है उनका कहना था कि  हमेशां  बड़े दिखने की  और बोलने की नही बड़े करने की कोशिश में लगे रहना चाहिए । और  बड़ा करने के बाद भी उसका श्रेय लेने की  बजाय देने में विश्वास रखो । अच्छा अगर आप बिल में छुप कर भी करोगे तब भी खुद ब खुद जग जाहिर हो जाएगा । यही कारण है कि सुनील बंसल जी भाजपा की जीत को गढ़ने और रचने महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करने के बाद  टीवी चैनलों के सामने  निरंतर अपने नेतृत्व  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी  मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और  संगठन के प्रत्येक कार्यकर्ताओं को श्रेय दे रहे  थे । सुनील बंसल जी के रूप में भाजपा को देश भर में कार्यकर्ताओं के  गढ़ने वाले शिल्पकार के साथ सगठनात्मक काम को आगे बढ़ाने वाला कार्यकर्ता या यह कहा जाए कि भाजपा को  नई पीढ़ी समझने  मन को पढ़ने वाला कुशल रणनीतिकार और  कुशल संगठक मिल गया है ।
 -: हितेश शुक्ला