दुनिया मेरे लिए उनका जाना केवल भाई का न होना ही नही बल्कि मेरी ताकत ,क्षमता, आत्म विश्वास का चले जाना है ! मेरे बड़े भाई से बढ़ कर पिता की तरह थे जिन्होंने मेरे लिए पढाई छोड दी और मुझे खुले आकाश में उड़ने का अवसर दिया ! अवसर ही नही दिया खुद पर अंकुश लगा कर मुझे हर वो चीज उपलब्ध करवाने की कोशिश की जिसकी मुझे जब जरूरत लगी ! वरना घर के हालात ऐसे न थे की में अपने मन की कर सकूँ ! आज में जहाँ हूँ जो कुछ थोड़ा बहुत पाया है या जो कुछ कर पा रहा हूँ चाहे वह परिवार , समाज या खुद के लिए वह सब उनका दिया उनका सिखाया या उनके कारण है ! उन्होंने जीवन में हर पल सिखाया ! वे मेरे गुरु की तरह थे केवल किताबी नही जिंदगी के हर पहलु पर सिखाते रहे मेने जबसे समझना शुरू किया तब से लेकर जब तक की उन्होंने अपने जीवन की अंतिम साँस न ले ली.. शायद ही मुझसे भाग्यशाली भाई कोई इस दुनिया में होगा जिसे मेरे भाई की तरह भाई मिले हो ! शायद ही कोई इतना दुर्भाग्य शाली इंसान होगा जो अपनी आँखों के सामने अपने भाई को जाते हुए देखता रहा पर कुछ न कर सका.… में उनकी यादें अपनी लेखनी से कुछ किश्तों में उतारने की कोशिश करूँगा ! ताकि मेरे भाई के बारे आप भी जान सके की वाकई उनके जैसा भाई शायद ही किसी को मिले या मिला हो ! और मेरे द्वारा की गयी उनकी तारीफ केवल किसी के जाने के बाद की औपचारिकता मात्र नही है...{निरंतर}
Wednesday, September 3, 2014
नियति के अन्याय का एक वर्ष...
दुनिया मेरे लिए उनका जाना केवल भाई का न होना ही नही बल्कि मेरी ताकत ,क्षमता, आत्म विश्वास का चले जाना है ! मेरे बड़े भाई से बढ़ कर पिता की तरह थे जिन्होंने मेरे लिए पढाई छोड दी और मुझे खुले आकाश में उड़ने का अवसर दिया ! अवसर ही नही दिया खुद पर अंकुश लगा कर मुझे हर वो चीज उपलब्ध करवाने की कोशिश की जिसकी मुझे जब जरूरत लगी ! वरना घर के हालात ऐसे न थे की में अपने मन की कर सकूँ ! आज में जहाँ हूँ जो कुछ थोड़ा बहुत पाया है या जो कुछ कर पा रहा हूँ चाहे वह परिवार , समाज या खुद के लिए वह सब उनका दिया उनका सिखाया या उनके कारण है ! उन्होंने जीवन में हर पल सिखाया ! वे मेरे गुरु की तरह थे केवल किताबी नही जिंदगी के हर पहलु पर सिखाते रहे मेने जबसे समझना शुरू किया तब से लेकर जब तक की उन्होंने अपने जीवन की अंतिम साँस न ले ली.. शायद ही मुझसे भाग्यशाली भाई कोई इस दुनिया में होगा जिसे मेरे भाई की तरह भाई मिले हो ! शायद ही कोई इतना दुर्भाग्य शाली इंसान होगा जो अपनी आँखों के सामने अपने भाई को जाते हुए देखता रहा पर कुछ न कर सका.… में उनकी यादें अपनी लेखनी से कुछ किश्तों में उतारने की कोशिश करूँगा ! ताकि मेरे भाई के बारे आप भी जान सके की वाकई उनके जैसा भाई शायद ही किसी को मिले या मिला हो ! और मेरे द्वारा की गयी उनकी तारीफ केवल किसी के जाने के बाद की औपचारिकता मात्र नही है...{निरंतर}
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